"बस यूँ ही किसी शून्य में खो जाना है ।"
इस अनंत सागर में ,
जहाँ तुम देखती हो ,
तो मैं पलकें झुका लेता हूँ ,
और जब मैं देखता हूँ ,
तो अनंत सागर मुझ में कहीं समा जाता है !
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सुना है कुछ खोखली सी हो गई हो ,
जिन्हें दोस्त कहती हो ,
वहीं बताते हैं -
ऊपर से हसीन हो पर मन में खोट हज़ार है ।
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कैसा है यह शून्य मानों ,
सब कुछ इसमें समा गया है -
तुम्हारा अस्तित्व , मेरा वजूद
सब यह अनंत सागर ही तो है ।
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मिलना निश्चित है ,
इस रिश्ते की सफलता कठिन है
लिखते है हम मसरूफ़ होकर,
नामुमकिन कुछ भी नहीं।
कुछ भी नहीं।
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एक दिन सूरज ढल जाएगा,
जितना अकेलापन है
सब तर जाएगा। यह बस ख्याल ही तो है,
कमबख्त,
एक दिन तो तू भी मर जाएगा ।
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अस्तित्व की लड़ाई में ,
इस कदर चक्रव्यूह में फसा है-
जहां मैं हूँ पर तुम नहीं
बस तुम्हारे तन का सहारा है ।
इस बंजर बस्ती में, एक तिनके का सहारा है।
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देखो देखो इस असीम बादलों के बीच ,
एक नन्ही सी चिड़िया
उड़ने को बेकरार है ,
घर उसका भी वहीं बस्ता है,
जहाँ साथ तेरा मेरा छूठा है,
न जाने फिर कैसी यह रुसवाई है ?
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सब कुछ यहीं ढल जाएगा !
तेरे तन से मेरा रिश्ता
एक दिन सब बिखर ही तो जाएगा।
फिर कैसी यह शय्या है
जो तुमने संजो कर रखी है?
उड़ान भरने मे संकोच क्यों झलक रहा है?
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सोचता हूँ कुछ यादों को समेट कर रख लूँ, न जाने कब यह सब
इस शून्य में बिखर जाएगा ।
अनंत सागर में समा जाएगा ।
बस एक दिन सब खो जाएगा !
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बस यूँ ही किसी शून्य में खो जाना है ।
इस अनंत सागर में ,
जहां तुम देखती हो ,
तो मैं पलकें झुका लेता हूँ ,
और जब मैं देखता हूँ ,
तो अनंत सागर मुझ में कहीं समा जाता है !
- EtchedMirage writes✍
"She was like a mirror, too fragile to handle but still helps to reflect till her last shattered piece mixes with sand dust!" Yes, you read it right. She was too fragile to handle. But she was the one who was around me during all the tough times. Maybe we belong to a different community or culture but she understood me more than the one who classifies under the same banner as 'I'. She was someone special! No, not a lover she was. She was the one who always cared the most. A kind of true friend.The one you find in a lifetime or more. Maybe she was confused with someone else but a true 'girl friend' she is. See, I left a space between that word and I really meant that. Space I left here, ain't a stereotype but a space that is to be filled when I gonna realise that finally, I could pay her debt. The debt for being so supportive and caring towards me.A kind of best protagonist type from a happy ending Bollywood movie where good triumphs over evil....
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