From the Platter :
"Do pal soch ke toh Dekho!"
दो गज ज़मीन के मालिक थे,एक बहुत पुरानी कहानी हैं !
बरसते नीलम और पवन का झौंका,
फिर तोड़ गया इस खेल का सबसे बड़ा खिलाड़ी है !
देखो तुम भी ध्यान से,
इस ज़मीन का बूढ़ा माली फिर सौ रहा है चैन से,
सींचा है जिन्हें अपने लहु से:
आए हैं वही लोग उसी माली के जनाज़े पर ।
यह मेरा,यह तेरा
फितरत में ही खोट सुन्हरा
काले अक्शर मन के अंदर,
मानों जैसे सोच अविरल ।
दो तुकड़े कर बैठे
हँसते हैं वहीं लोग जनाज़े पर
फितरत में ही खोट सुन्हरा
काले अक्शर मन के अंदर,
मानों जैसे सोच अविरल ।
दो तुकड़े कर बैठे
हँसते हैं वहीं लोग जनाज़े पर
मानों जैसे रिशते झूटे
बिकता है यहाँ तुकड़ा अविकल ।
नाजायज़ हैं यह लोग सारे
मरते क्यों नहीं यह लोग सारे ?
पैसा है जड़ मेरी
ज़मीन है खुशियाँ मेरी
अहम है सवाभिमान मेरा
ईर्ष्या है,अस्त्र तेरा !
कहते है लोग सारे,
जलूस मेरा
नाचे सारे!
आते हैं जनाजे़ पर मेरे
हँसते हैं दुखों पर मेरे!
जलता है सीना मेरा
डरता है असिस्तत्व मेरा
छिपता है काफिला सारा
डरता है आँगन मेरा ।
चाहिए तुझे दो गज मेरे,
मिट जाएगी यह मिट्टी मेरी
धरती है यह सारी तेरी
क्यों फिर बेच चला यह आँगन मेरा ।
" दो गज ज़मीन मेरी : चीख रहा है अहम तेरा;
देखना कहीं बिक ना जाए :
यह रिशता सुन्हरा तेरा मेरा !"
-EtchedMirage writes✍☕
बिकता है यहाँ तुकड़ा अविकल ।
नाजायज़ हैं यह लोग सारे
मरते क्यों नहीं यह लोग सारे ?
पैसा है जड़ मेरी
ज़मीन है खुशियाँ मेरी
अहम है सवाभिमान मेरा
ईर्ष्या है,अस्त्र तेरा !
कहते है लोग सारे,
जलूस मेरा
नाचे सारे!
आते हैं जनाजे़ पर मेरे
हँसते हैं दुखों पर मेरे!
जलता है सीना मेरा
डरता है असिस्तत्व मेरा
छिपता है काफिला सारा
डरता है आँगन मेरा ।
चाहिए तुझे दो गज मेरे,
मिट जाएगी यह मिट्टी मेरी
धरती है यह सारी तेरी
क्यों फिर बेच चला यह आँगन मेरा ।
" दो गज ज़मीन मेरी : चीख रहा है अहम तेरा;
देखना कहीं बिक ना जाए :
यह रिशता सुन्हरा तेरा मेरा !"
-EtchedMirage writes✍☕
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